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प्लेटलेट बढ़ाने के नेचुरल तरीके: खाने-पीने की चीजें और आसान टिप्स
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क्या आप नेचुरल तरीके से अपनी प्लेटलेट काउंट बढ़ाना चाहते हैं? जानिए कैसे प्लेटलेट्स बढ़ाने वाली चीजें आपकी सेहत को बेहतर बना सकती हैं। चाहे प्लेटलेट काउंट कम हो या डेंगू के समय प्लेटलेट्स बढ़ाने की जरूरत हो, यह जानकारी आपके बहुत काम आएगी। तो चलिए जानते हैं कि प्लेटलेट्स कैसे बढ़ाएं और कौन-कौन से खाने-पीने की चीजें इसमें मदद कर सकती हैं।
लो प्लेटलेट काउंट क्या होता है?
प्लेटलेट्स खून में मौजूद बेहद जरूरी सेल्स होते हैं जो ब्लड क्लॉट बनाने में मदद करते हैं, जिससे ज्यादा खून बहने से बचा जा सके। एक सामान्य स्वस्थ इंसान के खून में 1,50,000 से 4,50,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलिटर (μl) होते हैं। अगर प्लेटलेट्स की संख्या 1,50,000 से कम हो जाती है, तो इसे 'लो प्लेटलेट काउंट' कहा जाता है। मेडिकल भाषा में इसे थ्रॉम्बोसाइटोपीनिया (Thrombocytopenia) कहते हैं।
यह कुछ अंदरूनी स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से हो सकता है, जैसे कि – कोई संक्रमण, एनीमिया, या ऑटोइम्यून बीमारी। कभी-कभी ये दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी हो सकता है। अगर प्लेटलेट काउंट बहुत ज्यादा कम हो जाए, तो अंदरूनी ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल में भर्ती होना जरूरी हो जाता है।
प्लेटलेट कैसे बढ़ाएं?
अगर प्लेटलेट काउंट हल्का कम है, तो कुछ खास चीजें खाकर उसे नेचुरल तरीके से बढ़ाया जा सकता है। लेकिन अगर आप यह सोच रहे हैं कि प्लेटलेट्स तुरंत कैसे बढ़ाए जाएं, तो यह जानना जरूरी है कि इसमें कोई शॉर्टकट नहीं होता। ये एक धीरे-धीरे होने वाली प्रक्रिया है जिसमें समय और मेहनत दोनों लगते हैं। क्योंकि हमारे शरीर में प्लेटलेट्स बनना और उनका कंट्रोल होना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसे जबरदस्ती तेज़ नहीं किया जा सकता।
हालांकि, सबसे पहला कदम है अपने खाने-पीने में बदलाव लाना। खासकर सब्जियों को डाइट में शामिल करने से शरीर को जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं और प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद मिल सकती है। कुछ फूड्स ऐसे हैं जो प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार माने जाते हैं। उनमें से एक है:
पपीते के पत्तों का रस
वैज्ञानिक रिसर्च में यह पाया गया है कि पपीते के पत्तों का रस प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद कर सकता है। खासकर अगर आप डेंगू में प्लेटलेट्स कैसे बढ़ाएं ये जानना चाहते हैं, तो पपीते के पत्तों का रस एक आम घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसे पत्तों को पीसकर जूस की तरह तैयार किया जाता है।
अगर आपको ताजे पपीते के पत्ते नहीं मिल पा रहे या आप झंझट नहीं चाहते, तो मार्केट में पपीते के पत्तों से बने कैप्सूल और टैबलेट्स भी उपलब्ध हैं। लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को हमेशा से ही सेहत के लिए बेहतरीन माना गया है। ये प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए भी सबसे अच्छे फूड्स में से एक हैं। इनमें ढेर सारे विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं।
पालक, केल (kale), और एस्पैरेगस जैसी हरी सब्जियां फोलिक एसिड से भरपूर होती हैं, जो प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं। फोलिक एसिड शरीर में नई कोशिकाएं बनाने की प्रक्रिया में मदद करता है, जिससे प्लेटलेट्स का स्तर धीरे-धीरे बढ़ सकता है।
नॉन-वेज
विटामिन B12 लाल रक्त कोशिकाओं की सेहत को बेहतर बनाने और शरीर की ओवरऑल सेहत बनाए रखने में बहुत जरूरी होता है। इसकी कमी कई बार प्लेटलेट काउंट कम होने से भी जुड़ी होती है।
बीफ, बीफ लीवर, अंडे और मछली जैसे नॉन-वेज फूड्स में विटामिन B12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए अगर आप नॉन-वेज खाते हैं, तो इन चीजों को डाइट में शामिल करके प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
अनार
अनार के दाने एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले जरूरी फलों में गिना जाता है। अनार सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। ये शरीर में सूजन और मांसपेशियों को होने वाले नुकसान को कम करता है, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
इसलिए अपनी डाइट में ताजा अनार या उसका जूस शामिल करें, ताकि इम्युनिटी भी बढ़े और प्लेटलेट काउंट भी बेहतर हो सके।
बेरीज़
रास्पबेरी, गोजी बेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे फल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, इसलिए इन्हें प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले बेहतरीन फलों में गिना जाता है।
एक क्लीनिकल स्टडी के मुताबिक, अगर इन फलों को सही मात्रा में खाया जाए तो ये ना सिर्फ प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद करते हैं बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को भी बढ़ाते हैं। इसका कारण है इनमें मौजूद पॉलीफिनॉल्स, जो शरीर में प्लेटलेट्स बनने की प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं।
कीवी
कीवी फल विटामिन C से भरपूर होता है, जो प्लेटलेट्स बनने में मदद करता है और उनकी काम करने की क्षमता को भी बेहतर बनाता है। इसलिए कीवी को भी प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फलों में गिना जा सकता है। इसमें पोटैशियम, विटामिन K और E जैसे ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स भी होते हैं, जो ओवरऑल हेल्थ को सपोर्ट करते हैं।
कीवी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स प्लेटलेट्स और ब्लड सेल्स को टूटने से बचाते हैं, जिससे उनका जीवनकाल भी बढ़ जाता है।
गाजर और चुकंदर
गाजर और चुकंदर एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। ये दोनों सब्जियां प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। इनमें मौजूद फोलेट (Folate) हेल्दी ब्लड सेल्स बनने में मदद करता है, जिसमें प्लेटलेट्स भी शामिल हैं। साथ ही इनकी एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज़ शरीर की कोशिकाओं को डैमेज से भी बचाती हैं।
कद्दू
कद्दू में विटामिन A भरपूर मात्रा में होता है, जो बोन मैरो में प्लेटलेट्स के बनने की प्रक्रिया को तेज करता है। इसलिए इसे प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले बेहतरीन फूड्स में गिना जाता है।
अगर आप प्रेग्नेंट हैं और प्लेटलेट्स बढ़ाने के तरीके ढूंढ रही हैं, तो इन चीज़ों को डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें। इससे आप शरीर में प्लेटलेट्स की सही मात्रा बनाए रख सकती हैं और हेल्दी प्रेग्नेंसी भी सुनिश्चित कर सकती हैं।
प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स
यहाँ कुछ खास न्यूट्रिएंट्स और उनके फूड सोर्स दिए गए हैं जो प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद करते हैं। इन्हें आप अपनी रोज़ की डाइट में शामिल कर सकते हैं। ये न्यूट्रिएंट्स शरीर को मजबूत बनाने और अच्छे से काम करने के लिए ज़रूरी बिल्डिंग ब्लॉक्स देते हैं।
विटामिन A
- शकरकंद
- गाजर
- पालक
- केल (kale)
- बटरनट स्क्वैश
- आम
- खुबानी
- अंडे
विटामिन C
- खट्टे फल (संतरा, नींबू, मौसमी)
- स्ट्रॉबेरी
- कीवी
- शिमला मिर्च (खासकर लाल और हरी)
- टमाटर
- ब्रोकली
- ब्रसेल्स स्प्राउट्स
विटामिन D
- फैटी मछली (साल्मन, मैकेरल, टूना)
- फोर्टिफाइड प्लांट मिल्क (सोया, बादाम या ओट मिल्क)
- बीफ लीवर
- अंडे की ज़र्दी
विटामिन K
- पत्तेदार हरी सब्जियां (केल, पालक, कॉलर्ड ग्रीन्स)
- ब्रोकली
- ब्रसेल्स स्प्राउट्स
- पत्ता गोभी
- हरे मटर
- एस्पैरेगस
विटामिन B-12
- मांस (बीफ, पोर्क, लैम्ब)
- चिकन, टर्की
- मछली (साल्मन, टूना, ट्राउट)
- अंडे
- फोर्टिफाइड प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट्स (कुछ सीरियल्स, न्यूट्रिशनल यीस्ट)
फोलिक एसिड
- पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल, कॉलर्ड ग्रीन्स)
- दालें (मसूर, चना, काले चने)
- फोर्टिफाइड अनाज और सीरियल्स
- एवोकाडो
- खट्टे फल (संतरा, मौसमी)
- चुकंदर
आयरन
- रेड मीट (बीफ, पोर्क, लैम्ब)
- चिकन, टर्की
- मछली (खासतौर पर शेलफिश जैसे क्लैम और मसल्स)
- दालें (राजमा, चना, मसूर)
- टोफू
- पालक
- कद्दू के बीज
- क्विनोआ
अगर आपकी डाइट में कुछ प्रतिबंध हैं और आप सोच रहे हैं कि प्लेटलेट्स कैसे बढ़ाएं, तो बाजार में दवाइयाँ भी उपलब्ध हैं। लेकिन यह ध्यान में रखना जरूरी है कि सप्लीमेंट्स को संतुलित और विविध आहार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फूड्स को अपनी डाइट में प्राथमिकता दें, यानी ऐसी चीजें खाएं जिनमें ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स हों, जो आपकी ओवरऑल हेल्थ को सपोर्ट करें। अगर आपको कोई डाइटरी प्रतिबंध है या स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ हैं, तो व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्लेटलेट्स बढ़ाने की कोशिश करते समय कौन सा खाना नहीं खाना चाहिए?
सैचुरेटेड फैट, जो डेयरी, तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड्स में पाया जाता है, सूजन को बढ़ाता है और प्लेटलेट प्रोडक्शन में रुकावट डालता है, जिससे ओवरऑल हेल्थ प्रभावित हो सकती है। इसलिए, इसका सेवन मॉडरेट करना ज़रूरी है। हेल्दी विकल्प जैसे कि लीन प्रोटीन, फल, सब्जियां और साबुत अनाज चुनने से संतुलित आहार बनेगा और आपकी सेहत भी बेहतर होगी।
अगर प्लेटलेट्स का काउंट नैचुरल तरीके से नहीं बढ़ता, तो क्या होगा?
अगर डाइटरी चेंजेज़ या घरेलू उपचार से प्लेटलेट्स का काउंट नहीं बढ़ता है, तो हेल्थकेयर प्रोफेशनल से परामर्श करें ताकि पूरी तरह से जांच की जा सके और सही उपचार मिल सके। लगातार कम प्लेटलेट काउंट को नज़रअंदाज़ करना अंदरूनी ब्लीडिंग और अन्य जटिलताओं का जोखिम बढ़ा सकता है।
लो प्लेटलेट काउंट कितना खतरनाक हो सकता है?
अगर प्लेटलेट काउंट 50,000 से कम हो, तो इसे कम माना जाता है, जबकि 20,000 से कम प्लेटलेट काउंट को क्रिटिकल माना जाता है। ऐसे मामलों में अंदरूनी ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ जाता है और उसे रोकने में मुश्किल होती है, जिससे गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं। तुरंत मेडिकल सहायता की आवश्यकता होती है ताकि उचित इलाज शुरू किया जा सके और स्वास्थ्य जोखिम से बचा जा सके।
लो प्लेटलेट काउंट के लक्षण क्या होते हैं?
जब प्लेटलेट काउंट बहुत कम हो, तो कुछ खास लक्षण दिख सकते हैं। इनमें मसूड़ों और नाक से खून बहना, घावों से लंबा खून बहना, सामान्य कमजोरी महसूस होना और पेशाब और मल में खून आना शामिल हैं, जो गंभीर मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकते हैं। इसलिए, अगर ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लो प्लेटलेट काउंट का कैसे निदान किया जाता है?
लो प्लेटलेट काउंट का निदान एक ब्लड टेस्ट द्वारा किया जाता है, जिसे "कम्पलीट ब्लड काउंट (CBC)" कहते हैं। यह सी.बी.सी (CBC) टेस्ट हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स द्वारा प्लेटलेट्स की संख्या मापने के लिए किया जाता है। इसके जरिए प्लेटलेट्स के काउंट में किसी भी असमानता को पहचाना जा सकता है और इसके पीछे की वजह का पता चल सकता है।
निष्कर्ष
प्लेटलेट्स का सही स्तर बनाए रखना ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। अगर आप प्लेटलेट्स बढ़ाने के तरीके ढूंढ रहे हैं या सोच रहे हैं कि "मैं 2 दिनों में प्लेटलेट्स कैसे बढ़ा सकता हूँ?", तो एक संतुलित आहार और पर्याप्त हाइड्रेशन पर ध्यान देना जरूरी है। जबकि जीवनशैली के चुनाव भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, गंभीर मामलों में दवाइयाँ दी जा सकती हैं।
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